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आठ वसुओं के नाम : वेद और पुराणों में इनके अलग-अलग नाम मिलते हैं। स्कंद, विष्णु तथा हरिवंश पुराणों में 8 वसुओं के नाम इस प्रकार हैं:- 1. आप, 2. ध्रुव, 3. सोम, 4. धर, 5. अनिल, 6. अनल, 7. प्रत्यूष और 8. प्रभाष।

भागवत पुराण के अनुसार- द्रोण, प्राण, ध्रुव, अर्क, अग्नि, दोष, वसु और विभावसु। महाभारत में आप (अप्) के स्थान में 'अह:' और शिवपुराण में 'अयज' नाम दिया है। ऋग्वेद के अनुसार ये पृथ्वीवासी देवता हैं और अग्नि इनके नायक हैं। तैत्तिरीय संहिता और ब्राह्मण ग्रंथों में इनकी संख्या क्रमश: 333 और 12 है।

प्रकृति से संबंध : धर धरती के देव हैं, अनल अग्नि के देव है, अनिल वायु के देव हैं, आप अंतरिक्ष के देव हैं, द्यौस या प्रभाष आकाश के देव हैं, सोम चंद्रमास के देव हैं, ध्रुव नक्षत्रों के देव हैं, प्रत्यूष या आदित्य सूर्य के देव हैं।ऊं वसो:पवित्रमसि शतधारंवसो: पवित्रमसि सहत्रधारम ।

देवस्त्वासविता पुनातुवसो: पवित्रेणशतधारेण सुप्वाकामधुक्ष: ।

ॐ वसुभ्यो नम: ।

Information by 
Astrologer jagjit singh Walia 
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